लगातार हिट फिल्में देने वाले टैरेंटिनो का मैं प्रशंसक नहीं हूँ। उसकी फिल्मों में बहुत सारा बदला और हिंसा है। ऐसा नहीं कि उसकी फिल्मों में सिर्फ हिंसा होने के कारण मैं उन्हें नापसंद करता हूँ, बहुत सारी हिंसक फिल्में मुझे पसंद भी हैं। मुझे उसकी अधिकांश फिल्में लगभग बेहूदा मज़ाक, या बेहूदा मनोरंजन लगती हैं। खैर...
लेकिन उसकी ‘पल्प फिक्शन’ गजब की फिल्म है, जबकि वह उसकी शुरुआती फिल्म है। इस फिल्म में उसी बेहूदेपन या बेतुकेपन (absurdity) को उसने ऊँचाइयों तक पहुँचाया है, जो बाद की उसकी फिल्मों में जम नहीं पाता यानी कंविन्सिंग नहीं लगता। इतना ज़्यादा ‘एफ वर्ड’ है कि एकाध बार शब्द के हिज्जों के बीच में भी आ जाता है। (उम्मीद है भारतीय माइथोलोजिकल साहित्य को सत्य मानने वाले और सेक्सुअली परवर्ट भारतीय यह प्रश्न नहीं करेंगे कि बेहूदापन कंविन्सिंग कैसे हो सकता है)। इसमें दो लफूट हैं, जिनकी ऊलजलूल बातों में अचानक कोई वाक्य बड़ी दर्शनिकता लिए आ जाता है। एक विशालकाय गैंगस्टर है, जिसे दो दुबले-पतले शोहदे रस्सियों से बांध देते हैं और उसका यौन शोषण करने में सफल हो जाते हैं। गैंगस्टर की नशेड़ी रखैल है, जिसे खुद गैंगस्टर दूसरों के साथ घूमने-फिरने के लिए भेजता है, वह फूटमसाज करवाती है और जब नशे में मौत के बिल्कुल करीब होती है तो चाकू की तरह छाती में घोंपा गया एक इंजेक्शन लगते ही उठ बैठती है। बाइबल का ईज़ीकिएल 25:17 है, जो बाइबल में नहीं है (हालांकि हो भी सकता था)। एक सोने की घड़ी है, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध और विएतनाम युद्ध में ब्रूस विलिस की दो पीढ़ियाँ अपने पिछवाड़े में छिपाकर किसी तरह बचाकर रखती हैं, ताकि बचपन में उनका कोई मित्र उसे गिफ्ट दे सके। कीमती सामान से भरा एक ब्रीफकेस है, शुरुआत से जिसके इर्द-गिर्द कहानी घूमती रहती है मगर न तो यह स्पष्ट होता है कि आखिर बैग गंतव्य तक पहुँचा या नहीं और न ही पता चलता है कि उस बैग में क्या था। आदि आदि...
गजब के संवाद, शानदार सम्पादन, निर्देशन, अभिनय, संगीत। सब कुछ लाजवाब!
लेकिन उसकी ‘पल्प फिक्शन’ गजब की फिल्म है, जबकि वह उसकी शुरुआती फिल्म है। इस फिल्म में उसी बेहूदेपन या बेतुकेपन (absurdity) को उसने ऊँचाइयों तक पहुँचाया है, जो बाद की उसकी फिल्मों में जम नहीं पाता यानी कंविन्सिंग नहीं लगता। इतना ज़्यादा ‘एफ वर्ड’ है कि एकाध बार शब्द के हिज्जों के बीच में भी आ जाता है। (उम्मीद है भारतीय माइथोलोजिकल साहित्य को सत्य मानने वाले और सेक्सुअली परवर्ट भारतीय यह प्रश्न नहीं करेंगे कि बेहूदापन कंविन्सिंग कैसे हो सकता है)। इसमें दो लफूट हैं, जिनकी ऊलजलूल बातों में अचानक कोई वाक्य बड़ी दर्शनिकता लिए आ जाता है। एक विशालकाय गैंगस्टर है, जिसे दो दुबले-पतले शोहदे रस्सियों से बांध देते हैं और उसका यौन शोषण करने में सफल हो जाते हैं। गैंगस्टर की नशेड़ी रखैल है, जिसे खुद गैंगस्टर दूसरों के साथ घूमने-फिरने के लिए भेजता है, वह फूटमसाज करवाती है और जब नशे में मौत के बिल्कुल करीब होती है तो चाकू की तरह छाती में घोंपा गया एक इंजेक्शन लगते ही उठ बैठती है। बाइबल का ईज़ीकिएल 25:17 है, जो बाइबल में नहीं है (हालांकि हो भी सकता था)। एक सोने की घड़ी है, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध और विएतनाम युद्ध में ब्रूस विलिस की दो पीढ़ियाँ अपने पिछवाड़े में छिपाकर किसी तरह बचाकर रखती हैं, ताकि बचपन में उनका कोई मित्र उसे गिफ्ट दे सके। कीमती सामान से भरा एक ब्रीफकेस है, शुरुआत से जिसके इर्द-गिर्द कहानी घूमती रहती है मगर न तो यह स्पष्ट होता है कि आखिर बैग गंतव्य तक पहुँचा या नहीं और न ही पता चलता है कि उस बैग में क्या था। आदि आदि...
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